नहीं मांगना चाहती वो इजाजत समाज के सामन्तों और मालिकों से ! नहीं मांगना चाहती वो इजाजत समाज के सामन्तों और मालिकों से !
हौसले बुलंद हो तो नामुमकिन कोई मंजिल नहीं, आग लगाना पानी में भी मुश्किल नहीं, आज चाँ हौसले बुलंद हो तो नामुमकिन कोई मंजिल नहीं, आग लगाना पानी में भी मुश्किल नहीं...
वर्तमान भारत की ज्वलंत समस्या को प्रश्न उठाती कविता..... वर्तमान भारत की ज्वलंत समस्या को प्रश्न उठाती कविता.....
दूरकर पाखंड सारे, चल पड़ी ये बेटियां | इंसान है कि जो भूल थी, वह सुधारती हैं बेट दूरकर पाखंड सारे, चल पड़ी ये बेटियां | इंसान है कि जो भूल थी, वह सुध...
प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही। प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही।
धारण करने वाला फिर चाहे पुरुष हो, या फिर कोई स्त्री ही। धारण करने वाला फिर चाहे पुरुष हो, या फिर कोई स्त्री ही।